Skip to product information
1 of 1

My Store

Kathopanishad

Kathopanishad

Regular price Rs560.00 NPR
Regular price Sale price Rs560.00 NPR
Sale Sold out

धर्म होशपूर्वक मरने की कला है। धर्म जानते हुए समझपूर्वक मृत्यु में प्रवेश करने का विज्ञान है। और जो व्यक्ति होशपूर्वक मृत्यु में प्रवेश कर जाता है, उसके लिए मृत्यु सदा के लिए समाप्त हो जाती है। मृत्यु में जो जानता है-जागता है, होश से भरा है, उसके लिए मृत्यु समाप्त हो गई। जो बेहोश मरता है, उसी के लिए मृत्यु है। जो होशपूर्वक मरता है, उसके लिए कोई मृत्यु नहीं है। फिर मृत्यु ही उसके लिए अमृत का द्वार हो जाती है। जो होशपूर्वक मरता है वह होशपूर्वक जन्मता भी है। और जो होशपूर्वक जन्मता है, उसके जीवन का पूरा गुण बदल जाता है वह होशपूर्वक जीता भी है। उसका रोआं-रोआं, उसकी चेतना का कण-कण प्रकाश से, ज्ञान से, बुद्धत्व से भर जाता है। -भगवान श्री रजनीश

View full details