Skip to product information
1 of 1

Yukranda

गीता दर्शन अध्याय-७ भगवान श्री रजनीश

गीता दर्शन अध्याय-७ भगवान श्री रजनीश

Regular price Rs360.00 NPR
Regular price Sale price Rs360.00 NPR
Sale Sold out

जो दिखाई पड़ता है, जिसने भूल से यह समझ लिया कि वही प्राण है, वह अधार्मिक जीवन में डूब जाता है। जो दिखाई पड़ता है, उसके भीतर जिसने जड़ों को खोजा, अदृश्य को खोजा, मनकों के भीतर धागे को खोजा, वह जीवन में धर्म की यात्रा पर निकल जाता है।

अदृश्य की खोज धर्म है और दृश्य में उलझ जाना संसार है। जो दिखाई पड़ता है, उसको सब कुछ मान लेना संसार है। और जो नहीं दिखाई पड़ता है, उसे दिखाई पडने वाले का भी मूल आधार जानना धर्म है। 

-भगवान श्री रजनीश

View full details